जवाजा अनाकर खेत में काम कर रही महिलाएं घास काट रही थीं और पास ही कुछ बकरियां भी चर रही थीं। बताया जा रहा है कि अजगर की नजर बकरियों पर थी और वह शिकार के इंतजार में पेड़ पर छिपा बैठा था।
इसी दौरान घास काट रही महिला लक्ष्मी देवी ने पेड़ की ओर से पक्षियों की अजीब आवाज सुनी। शक होने पर जब उन्होंने ऊपर देखा तो अजगर को देखकर घबराने के बजाय तुरंत मीना रावत को सूचना दी। मीना देवी ने फौरन वन विभाग के अधिकारियों एवं पूर्व सरपंच महेंद्र सिंह को फोन कर स्थिति बताई।
महेंद्र सिंह ने बिना देर किए स्नेक कैचर सुरेंद्र सिंह से संपर्क किया। खास बात यह रही कि सुरेंद्र सिंह हाल ही में सर्पदंश से उपचार लेकर बेड रेस्ट पर चल रहे थे, लेकिन जन सेवा को प्राथमिकता देते हुए तुरंत पहुंच गए।
कड़ी मशक्कत के बाद सुरेंद्र सिंह ने महेंद्र सिंह की मदद से अजगर को सुरक्षित रेस्क्यू किया और जंगल में छोड़ दिया। ग्रामीणों ने दोनों का आभार व्यक्त करते हुए उनकी हिम्मत और सेवा भावना की सराहना की।
